यूथ इण्डिया संवाददाता, फर्रुखाबाद। जिसका यश रहता है वह जीवित रहता है। स्व. जगदीश चन्द्र अवस्थी शिक्षक, एक विचारक, अति उदार, गरीबों के प्रति सहानुभूति रखने वाले धार्मिक व सामाजिक विषयों में व्यवहारिक व रचनात्मक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति थे।
यह बात मथुरा से स्व. जगदीश चन्द्र अवस्थी के स्मृति दिवस पर आये आचार्य प्रवर दाऊ जी महाराज ने कही। पंडित सुमन्त शास्त्री ने कहा कि यज्ञ हमारी वैदिक और सनातन परम्परा है जिसके द्वारा समाज में संस्कार निर्माण करना एवं पर्यावरण को शु( करना, मंत्रों के द्वारा अध्यात्मिक तरंगंे उत्पन्न करना जिससे समाज में अच्छी विचारधारा फैलती है और अच्छे समाज का निर्माण होता है। इसे )षियों ने सनातन काल से अपनाया है। इसकी वर्तमान समय में महती आवश्यकता है।
स्व. श्री अवस्थी की पुण्यतिथि पर उनके पुत्र सुनील अवस्थी ने यज्ञ एवं महाप्रसाद तथा शीतकालीन दिवस में गरीबों को कंबल वितरित किये एवं उनकी स्मृति में साहित्य जगत में युवा कवि उत्कर्ष अग्निहोत्री की पुस्तक 'इक अनुष्ठान होने लगा' काव्य संग्रह का पांचाल प्रकाशन द्वारा अपने पिता की स्मृति में साहित्यिक हिन्दी भाषा के उत्थान के लिए निःशुल्क प्रकाशित की है। इस मौके पर अमित शुक्ला रिंकू, राजेन्द्र प्रसाद अवस्थी, संजय गर्ग, सुरेन्द्र पाण्डे, अजय कुमार, अनिल अवस्थी, सुभाष अग्रवाल, विजय दुबे मटरलाल, बीके शोभा बहन, बीके पूनम बहन, विनोद कुमार, रजनीश कुमार, अनुराग पाण्डे, रिंकू, राकेश बाथम तथा अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव, राघवेन्द्र सिंह राजू, फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष सर्वेन्द्र कुमार उर्फ इन्दु अवस्थी सहित तमाम लोगांे ने भाग लिया है।
जगदीश चन्द्र अवस्थी के स्मृति दिवस पर गरीबों को बांटे गये कंबल