यूथ इण्डिया संवाददाता, खुदागंज/शाहजहांपुर। इन दिनों खुदागंज पुलिस का नाम नगर के हर व्यक्ति की जुबान पर छाया हुआ है जो अपराधियो को किसी भी हालत में बख्शने के मूड में नही दिख रही,जी हां हम बात कर रहे है थानाध्यक्ष वकार अहमद की जिन्होंने पुलिस विभाग के हर आॅफीसर को ये सिखाने का कार्य किया है कि पुलिस किस चिड़िया का नाम होता है,और उसकी शक्तियां क्या क्या है तथा उन्हें प्रयोग कैसे किया जाना चाहिये।
जबसे थानाध्यक्ष वकार अहमद ने खुदागंज थाने का चार्ज संभाला है तब से अब तक अपराधियों ने नगर में दिखना तक बंद कर दिया है और छोटे मोटे विवाद तो घरों या पास पड़ोसियों तक ही सीमित रहकर निपटने लगे है। थानाध्यक्ष वकार अहमद के चार्ज लेने के बाद से देश का सबसे बड़ा निर्णय माननीय सुप्रीमकोर्ट द्वारा राममंदिर फैसला सुनाया गया था वकार अहमद जी की कार्यशैली को ध्यान में रखते हुए नगर में किसी खुरापाती तत्व ने बातावरण में टश से मश नही की अर्थात कोई विवाद सुनने में नही आया उसके बाद सीएए और एनआरसी को लेकर जहां देश भर में कुछ न कुछ सुनने को मिला वही नगर में सब साधारण बातावरण बना रहा जिसका मुख्य कारण था पुलिस थानाध्यक्ष खुदागंज का शख्त नजरिया और जगह जगह पर पैनी नजर यदि आप कभी नगर की ओर निकलेंगे तो आपको प्रत्येक चैराहे या तिराहे पर पुलिस और होमगार्ड तैनात 24 घंटे मिलेंगे इससे साफ जाहिर होता है कि थानाध्यक्ष कोई भी प्रश्नचिन्ह अपने बिभाग या खुद पर बर्दाश्त नही करना चाहते,भला चाहे जो भी हो पुलिस पब्लिक के लिए उसके हित में काम तो कर ही रही है। वकार अहमद कई बड़े बड़े मामलों को सुलझा चुके हैं इनकी कार्यशैली से अन्य पुलिस अफसरों को सीख लेनी चाहिए कि पुलिस विभाग में किस तरह से काम किया जाता है वकार अहमद जिले में जहां भी रहे वहां अपनी अलग छाप छोड़ी है विभाग में ही कई पुलिस कर्मी ऐसे हैं जो इनकी कार्यशैली के मुरीद है।
हर आपराधिक मंसूबे का इलाज है पुलिस के पासः वकार अहमद खान