यूथ इण्डिया संवाददाता, जलालाबाद। योगी जी आपके शासन में किसानों को किस तरह से लूटा जाता है उसकी एक छोटी सी बानगी देख लीजिए।
भारत विश्व मे मेंथा आॅयल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है जिसमे उत्तर प्रदेश का 80 योगदान है। मेंथा आॅयल की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है देश मे होने बाले कुल मेंथा आॅयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है।यूपी में जलालाबाद का नंबर मण्डल में पहले नंबर पर आता है। मेंथा आॅयल का इस्तेमाल फार्मा इंडस्ट्री, कास्मेटिक इंडस्ट्री,एफएमसीजी सेक्टर के साथ ही कन्फेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा यूज होता है।मण्डी विभाग मेन्था आॅयल को कृकृषि उत्पाद के रूप में मानता है इसलिए 1.5ः मंडी टैक्स और वाणिज्य कर विभाग मेन्था फसल को कृषि उत्पाद नही मानता है और 12 प्रतिशत जीएसटी चार्ज करता है इसके कारण आज तक मेन्था आॅयल की खरीद मण्डी समिति के नही हो सकी। जबकि मेंथा आयल खरीद के लाइसेंस मंडी समिति के अंदर खरीद के लिए बने है लेकिन टैक्स बचाने के लिए व्यापारी सड़क के किनारे दुकानों पर किसानों का तेल खरीदते है। दुकानदारों ने तेल का वजन करने के लिए कांटा जमीन के अंदर लगा रखे है । किसानों के साथ वजन के समय घटतौली की जाती है।प्रति कुन्तल/लीटर 500 से 600 ग्राम तेल की घटतौली कर लेते है जिससे किसान को 600 से 700 रुपये का घाटा होता है मेंथा मंडी का रेट भी किसान को नही बताया जाता । किसान के अलावा राजस्व को भी जमकर नुकसान होता है।नगर में सीजन के समय 1 करोड़ से ज्यादा की खरीद प्रतिदिन की जाती है।1 करोड़ पर 13.5 लाख रुपये का राजस्व होता है।इसके एवज में मंडी सचिव को प्रति महीने मोटा माल भेजा जाता है। खुद के एक लाख के लिये सरकार के 12 लाख का नुकसान खुद सरकार के कर्मचारी करते है। योगी जी जब मण्डी सचिव स्वयं प्रतिदिन अपने एक लाख के लिए सरकारी राजस्व में 12 लाख की चपत लगवा सकते हैं तो यह साहब तो कभी नही चाहेंगे कि मेन्था आॅयल की बिक्री मण्डी समिति के अन्दर हो।
भारत विश्व मे मेंथा आयल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक, यूपी का 80 प्रतिशत योगदान